राजेश सक्सेना
भोपाल, मध्य केसरी डेस्क। मध्यप्रदेश में एक बार फिर चुनाव का बिगुल बज चुका है। एमपी में 4 सीटों पर उप चुनाव हो रहे हैं। जिनमें 3 विधानसभा और एक लोकसभा की सीट है। पृथ्वीपुर, रैगांव और जोबट में विधानसभा का उप-चुनाव हो रहा है। वहीं खंडवा सीट पर लोकसभा का उप चुनाव।
पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे दोनों पार्टी के प्रत्याशी
खंडवा उप चुनाव के लिए बीजेपी कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार घोषित कर दिये हैं। बीजेपी ने जहां ज्ञानेशवर पाटिल को अपना उम्मीदवार बनाया है वहीं कांग्रेस ने राजनारायण सिंह पुरनी पर दांव लगाया है। इस लोकसभा सीट के लिए दोनों प्रत्याशी लोकसभा का पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं अन्य उम्मीदवार भी जोर-आजमाईश कर रहे हैं।
8 बार बीजेपी और 2 बार कांग्रेस को मिली जीत
नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद खंडवा लोकसभा सीट रिक्त हुई है। खंडवा लोकसभा सीट पर पिछले 8 चुनावों की अगर हम बात करें तो 6 बार बीजेपी और 2 बार कांग्रेस ने यहां से जीत हासिल की। नंदकुमार सिंह चौहान यहां से 6 बार सांसद चुने गये। यही कारण है इस सीट को बीजेपी की दवदवे वाली सीट कहा जाता है। वहीं 1951 से अभी तक 2 बार के चुनाव अगर छोड़ दिये जायें तो क्षत्रीय व ब्राह्मण जाति का उम्मीदवार यहां से विजयी होता रहा है।
खंडवा लोकसभा सीट की अहम बातें
- नंदकुमार सिंह चौहान के निधन के बाद रिक्त हुई सीट।
- 2019 के चुनाव में नंदू भइया ने कांग्रेस के अरुण यादव को 2 लाख 74 हजार मतों से हराया था।
- 1991 से अभी तक 8 लोकसभा चुनाव हुए
- 8 चुनावों में 6 बार बीजेपी तो 2 बार कांग्रेस जीती।
- स्वर्गीय नंद कुमार सिंह चौहान यहां से 6 बार सांसद रहे।
- 1951 से अभी तक 2 दफा छोड़ क्षत्रीय व ब्राह्मण का प्रभुत्व रहा है इस सीट पर।
- बीजेपी के प्रभाव वाली इस सीट का गणित
- नंदू भइया के निधन के बाद इस सीट पर प्रत्याशी कौन हो इसके लिए बीजेपी को भारी मश्कत करनी पड़ी। कई नाम रेस में थे लेकिन बाजी मारी ज्ञानेश्वर पाटिल ने। पाटिल ओबीसी वर्ग से आते हैं। पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी बनाकर ओबीसी कार्ड खेला है। इस सीट पर 26 साल बाद बीजेपी ने ओबीसी चेहरा लोकसभा के लिए मैदान में उतारा है।
कौन है ज्ञानेश्वर पाटिल?
- खंडवा लोकसभा सीट के लिए बीजेपी ने ज्ञानेश्वर पाटिल को मैदान में उतारा।
- पार्टी ने ज्ञानेश्वर पाटिल को मैदान में उतारकर ओबीसी कार्ड खेला है।
- 26 साल बाद किसी ओबीसी चेहरे पर बीजेपी ने दांव लगाया है।
- ज्ञानेश्वर पाटिल 52 साल के युवा उम्मीदवार है।
- पाटिल ने बी.काम तक शिक्षा प्राप्त की है।
- खंडवा से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष हैं ज्ञानेश्वर पाटिल।
- विद्यार्थी परिषद और भाजयुमो में सक्रीय रहे।
कांग्रेस ने चौकाया
कांग्रेस की बात की जाये तो पार्टी ने राजनारायण सिंह पुरनी को मैदान में उतारकर सभी को चौंकाया है। पहले जिस तरह पूर्व पीसीसी चीफ व पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव का नाम लगभग तय माना जा रहा था, लेकिन ऐन वक्त पर यादव के हटने के बाद पार्टी ने राजनारायण सिंह पर दांव लगाया।
कौन है राजनारायण सिंह पुरनी?
- खंडवा लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने राजनारायण सिंह पुरनी को उम्मीदवार बनाया है।
- राजनारायण सिंह ठाकुर जाति से हैं।
- ठाकुर और गुर्जर समाज पर अच्छी पकड़ रखते हैं राजनारायण सिंह।
- सिंह की उम्र 70 साल है और 10 वीं तक शिक्षा प्राप्त की है।
- मंधाता से तीन बार विधायक रहे हैं राजनारायण सिंह।
- दिग्विजय सिंह के करीबी माने जाते हैं।
दोनों पार्टियों को भितरघात का खतरा
बीजेपी कांग्रेस के अलावा अन्य कई चेहरे इस सीट पर जोर आजमाईश कर रहे हैं। लेकिन यहां लंबे समय से मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही होता आया है। इस बार भी यही स्थिति है। बीजेपी कांग्रेस दोनों प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र भरने के साथ ही चुनावी समर तेज हो चला है। हालांकि दोनों पार्टियों के लिए भीतरघात का खतरा बना हुआ है। यानि अपनों से ही नुकसान की आशंका। बीजेपी खंडवा के किले को फतह करने में कोई कोर कसर नहीं छोड रही है। यही कारण है कि सत्ता और संगठन की बड़ी टीम उसने मैदान में उतारी है। कांग्रेस भी किला लडाने अपने दिग्गजों के साथ मैदान में है।
बीजेपी कांग्रेस के दिग्गज मैदान में
- बीजेपी इस सीट पर जीत का सिलसिला बरकरार रखना चाहती है।
- यही कारण है पार्टी ने सत्ता संगठन की बड़ी टीम मैदान में उतारी।
- सीएम शिवराज सिंह चौहान व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने मोर्चा संभाल लिया है।
- मंत्री तुसली सिलावट, मंत्री कमल पटेल, मंत्री विजय शाह, मंत्री जगदीश देवड़ा को जिम्मेदारी दी गई है।
- मंत्री इंदर सिंह परमार, मंत्री मोहन यादव, मंत्री उषा ठाकुर ने भी अपना यहां डेरा जमाया लिया है।
- संगठन स्तर पर भी कई चेहरे।
- आलोक शर्मा, कविता पाटीदार, चिंतामणी मालवीय, जीतू जिराती को भी दी गई है जिम्मेदारी।
- बहादुर सिंह सौधिया, गोपीकृष्ण नेमा, जसवंत हाड़ा, बंशीलाल गुर्जर, सांसद शंकर लालवानी सहित अन्य कई मैदान में डटे।
- कांग्रेस ने भी इस सीट के लिए रणनीति तैयार की है।
- पीसीसी चीफ कमलनाथ व दिग्विजय सिंह के अलावा की स्टार प्रचारकों को उतारा।
- पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकेश नायक को सौपी कमान।
- अरुण यादव,जीतू पटवारी, कमलेश्वर पटेल, अजय सिंह भी मैदान में है।
- सज्जन वर्मा, आरिफ मसूद, डॉ. गोविंद सिंह, एनपी प्रजापति प्रचार में जुटे।
चुनावी व जातीय समीकरण
- खंडवा लोकसभा सीट में कुल 8 विधानसभा की सीटें हैं।
- इस सीट पर कुल मतदाता 19 लाख 59 हजार 436 है।
- 9 लाख 89 हजार 451 पुरुष मतदाता है।
- 9 लाख 49 हजार 862 महिला मतदाता है।
- अन्य मतदाता 90 है।
- यहां सामान्य वर्ग का वोटर लगभग 3 लाख 62 हजार है।
- ओबीसी मतदाता लगभग 4 लाख 76 हजार है।
- एससी-एसटी वोटर 7 लाख 68 हजार है।
- अल्पसंख्यक वोटर 2 लाख 86 हजार के करीब है।
- अन्य लगभग 15 हजार है।
- यहां कुल मतदान केन्द्र 2376 बनाये गये है।
कांग्रेस उम्मीदवार को भी कम नहीं आंका जा सकता
खंडवा उप चुनाव को लेकर राजनैतिक पंडित मानते हैं कि ये सीट वैसे तो बीजेपी के दबदबे वाली सीट रही है। लेकिन 1951 से लेकर अभी तक के चुनाव को देखा जाये तो दो दफा छोड़ ये सीट ब्राह्मण और क्षत्रीय के इर्द गिर्द ही घूमती रही है। इसीलिए कांग्रेस के उम्मीदवार को कम नहीं आंका जा सकता। ये बात शिवराज कैबिनेट के मंत्री कुंवर विजय शाह भी कह चुके है। हालांकि उन्होंने अपनी बात को मांधाता तक ही सीमित कर लिया था। बहरहाल यहां मुकाबला दिलचस्प और रोचक होने की पूरी उम्मीद है।
मध्यप्रदेश में कुल 29 लोकसभा की सीटें हैं। 2019 के चुनाव में बीजेपी ने प्रदेश में इतिहास रचा था। उसने 29 में से 28 सीटें जीती थीं। बीजेपी चाहेगी उसका यही आंकड़ा बना रहे। जबकि कांग्रेस 2009 का प्रदर्शन दोहराने के लिए पूरी ताकत झोंकना चाहेगी। उस समय कांग्रेस के अरुण यादव ने यहां जीत हासिल की थी। इस सीट पर 30 अक्टूब को वोट डाले जायेंगे और 2 नवंबर को नतीजे आयेंगे। अब देखना होगा खंडवा की जंग में जीत का सेहरा किसके सिर बंधता है।