लाला किताब ज्योतिष में भाग्य व कर्म को बहुत ही महत्व दिया गया हैं, वहीं वर्तमान में किए कर्म को विशेष माना गया हैं। मेरे ज्योतिष अनुभव में यह आया हैं की जातक की कुंडली में कोई ग्रह शुभ स्थान में हो तब भी वह शुभफल नहीं दे रहा होता हैं। जब पूरी तरह कुंडली के साथ साथ जातक की दैनिक कार्यकलापों को समझा तो यह निष्कर्ष निकला की जातक ने स्व्यम ही अपने कर्मो के द्वारा शुभ फलकारी ग्रह को मंदा या नीच का कर दिया है। इस कारण उसे ग्रह से संबन्धित शुभ परिणाम नहीं प्राप्त हो पा रहे है।
दैनिक जीवन में हमारे द्वारा किए गए कर्म ही भविष्य में हमारे लिए सुख या दुख का कारण बनते हैं। अत: हमे हमेशा अपने व अपने कर्मो के प्रति सजग रहना चाहिए। आपको कुछ अनुभव सिद्ध प्रयोग दे रहे हैं जिन्हे आप अपने आचरण में लाएँ तो घर में भाग्य के साथ खुशहली, स्वास्थ्य और स्मृद्धि का लाभ उठा पाएंगे।
01- प्रात: धरती पर पैर रखने से पहले आपकी नासिका का जो स्वर चल रहा हो वही पैर पहले धरती पर रखे।
02- भोजन करते समय टी.वी. इत्यादि का त्याग करे। भोजन करते समय जो मन:स्थिति होती हैं वही भोजन के द्वारा ग्रहण करते है।
03- 24 घंटे में एक बार सब परिवार एक साथ मिलकर भोजन अवश्य करे। इससे आपसी सद्भाव व समझ बढ़ती हैं।
04- सप्ताह में कम से कम एक बार खड़ा समुद्री नमक डाल कर घर में पोछा अवश्य लगाना चाहिए, इससे घर की सकारात्मकता बढ़ती हैं।
05- अपनी उम्र के हिसाब से ध्यान अवश्य करे, इससे तनाव कम होता हैं। जैसे आपकी उम्र 50 साल की हैं तो आपको कम से कम 50 मिनट ध्यान करना चाहिए।
06- घर की तिजोरी में पीले कपड़े में 9 छुहारे बांध कर एक वर्ष के लिए रखे अगले वर्ष फिर से नये रख दे।
07- जीवन में तनाव (उतार चढ़ाव) होना जीवित होने की निशानी हैं। अकड़ तो मुर्दे में होती हैं।
08- जब भी घर (नौकरी व्यवसाय) आए खाली हाथ न आए कुछ न कुछ अवश्य लेकर आए, इससे बरकत बढ़ती है।
09- पत्नी को हमेशा खुश रखे, पत्नी नियमित आए का कारण होती हैं। विशेषकर शुक्रवार को अवश्य ही पत्नी को उपहार दे।
10- कर्ज वापसी हमेशा मगलवार को करे। रविवार और मंगलवार को भूलकर भी कर्ज न ले।
11- यदि आपके पति आपकी उपेक्षा करते हैं तो गले में लाजौली धारण करे या शुक्रवार से नहाने के पानी में हल्दी डालकर 43 दिन लगातार नहाये।
12- चुगली या आलोचना न करे यह आदत सबसे पहले स्वयं का ही बूरा करती हैं।
13- ध्यान स्वाध्याय एवं सत्संग को जीवन का अभीन्न हिस्सा बना ले। खुद भी करे औरों को भी प्रेरित करे।
14- दरिद्रता दूर करने के लिए किसी भी शुक्ल पक्ष के शनिवार से पीपल की सेवा शुरू करे। सूर्योदय के पहले पीपल की परिक्रमा लगते हुये जल चढ़ाये धूप दीप मीठे से पूजन करे जमीन/जड़ पर गीरे जल को माथे पर लगाए।
15- वैवाहिक बाधा दूर करने के लिए जातक को स्वयं मंगलवार को चंडिका व शनिवार को सुंदर काण्ड का पाठ करे।
16- जीवन में किसी भी प्रकार की सुख की कमी होने पर शनिवार को चुपके से शनिदेव के मंदिर में शाम के समय मिट्टी की कटोरी में दूध भरकर शनि देव के पीठ के पीछे रख दे।
17- शनि की महादशा या साढे साती चल रही हो तो दशा को अनुकूल करने के लिए शनिवार से दशरथ कृत शनि स्त्रोत का पाठ रात में करे।
18- दिन भर में कम से कम 4 बार ईश्वर को धन्यवाद व कहे मै आपके द्वारा इस शरीर रूपी उपहार को प्यार करता हूँ ( I Love My Self )।
19- कुंडली में सूर्य कमजोर होने पर पिता, चन्द्र कमजोर होने माता, मंगल एवं बुध के मंदा होने पर भाई बहन की सेवा करे।
20- कृतज्ञ रहे, क्रोध से बचे, अपने काम को पूर्ण ईमानदारी से करे और चिंता न करे चिंतन करे।
ऐसी वाणी बोलिए , मन का आपा खोय!
औरन को भी शीतल करें, आपहूँ शीतल होय!!
उपरोक्त उपायो को अपना कर अवश्य देखे आप अपने चारो और अनुकूलता प्राप्त होने लगेगी। परमचेतना आपको और अधिक देने देने को तत्पर हो जाएगी।
सुख स्मृद्धि की कामना के साथ आप सभी को परिवार सहित नव वर्ष की शुभ कामनाए।
पंडित प्रदीप कुमार शर्मा
रेकी ग्रैंड मास्टर
लाल किताब ज्योतिष, वास्तुविज्ञान