अमरीका में रहस्मीय बीमारी के चलते हो रही है पक्षियों की मौत, आंखो की रोशनी खत्म होने के कारण दिशा हीन हो कर जान गवा रहे है परिंदे

अमेरिका में बीते महीनों से पंक्षियो में नई बिमारी होने की खबरें सामने आ रही है। पूर्वी अमेरिका में बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत हुई हैं, जिसको लेकर अमरीकी वैज्ञानिक काफी चिंतित और हैरान हैं। पक्षियों की मौत का कारण फिलहाल पता नहीं चल सका है। अमरीकी वैज्ञानिक इसकी जांच में जुटे हुए हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों ने इस बात की आशंका जताई है कि जिस तरह ब्लू जेज़, ग्रैकल्स स्टारलिंग्स जैसे पक्षियों की मौत हो रही है, वह पक्षियों की महामारी का संकेत हो सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक क्लामायिडया और साल्मोनेला बैक्टीरिया के इंफेक्शन से पक्षियों में ऐसी मौतें होती हैं। लेकिन इस बार मौतों का कारण यह बैक्टीरिया नहीं हैं।

दो महीनों से आ रहे पक्षियों के मौत की मामले
पीछले दो महीनों में पक्षियों की मौत के मामले पहले अमेरिका के पूर्वी इलाके वर्जिनिया, वाशिंगटन और मैरीलैंड में सामने आए थे, जो अब डेलावेयर, विस्कॉन्सिन, केंटिकी तक फैल गए हैं। पक्षियों की मौत का कारण जानने के लिए अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया के स्कूल ऑफ वेटरनरी मेडिसिन मृत पक्षियों का पोस्टमॉर्टम कर जांच कर रही है।

डिपार्टमेट ऑफ वाइल्डलाइफ रिसोर्सेज और जियोलॉजिकल सर्वे कर रहीं हैं जांच
पक्षियों की हो रही मौत के कारण को जान ने के लिए अमेरिका में वर्जिनिया के डिपार्टमेट ऑफ वाइल्डलाइफ रिसोर्सेज और जियोलॉजिकल सर्वे संस्था की टीम मिल कर जांच कर रहीं हैं। मृत पक्षियों की जांच के लिए वर्जिनिया के डिपार्टमेट ऑफ वाइल्डलाइफ रिसोर्सेज भेजा गया है। अमेरिकी स्वास्थ्य एजेंसी ने पक्षियों की हो रही मौत का कारण एवियन इन्फ्लुएंजा, वेस्ट नाइल, हर्पीज, पॉक्स जैसे वायरस या यलो फीवर जैसे बीमारी के चलते होने से इनकार किया है। कई पक्षियों की आंखों की रोशनी जाने के बाद उनमें न्यूकैसल डिजीज वायरस की जांच की गई, लेकिन उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई। यह जांच इसलिए की गई, क्योंकि यही वायरस पक्षियों में कंजक्टिवाइटिस के लिए जिम्मेदार होता है।


मौत का कारण न्यूरोलॉजिकल समस्या बताई जा रही है
पक्षियों की लगातार हो रही मौत का कारण न्योरोलॉजिकल समस्या बताई जा रही है। एनिमल वेलफेयर लीग ऑफ अर्लिंग्टन संस्था की प्रवक्ता चेलेसी जोन्स बताती हैं कि, 'मई के महीने में इस बीमारी की जानकारी सामने आई  थी। हमने मृत पक्षियों की जांच की, तो पता चला कि उनकी पलकों के पीछे सफेद रंग का क्रस्ट जमा हुआ था। जिसके चलते उनकी आंखों की रोशनी चली गई थी। कई पक्षी दिशा नहीं तय कर पा रहे थे, उन्हें दिशाभ्रम हो रहा था। थकान के कारण वे उड़ नहीं पा रहे थे। इससे साफ है कि उन्हें ऐसी बीमारी परेशान कर रही है, जिसका कनेक्शन दिमाग से है।

अब तक 300 पक्षियों का अंतिम संस्कार कर चुकीं हैं चेलेसी
एनिमल वेलफेयर लीग ऑफ अर्लिंग्टन संस्था की प्रवक्ता चेलेसी जोन्स मई के महीने से अब तक करीब 300 मृत पक्षियों का अंतिम संस्कार कर चुकीं हैं। इस रहस्मीय बीमारी के चलते और भी पक्षियों की मौत होने की आशंका जताई जा रही है। साथ अमेरिका की स्वास्थ एजेंसी ने इंसानों को पक्षियों से दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं।

स्वास्थ एजेंसी ने पक्षियों से दूरी बनाए रखने की दी सलाह
अमेरिका की स्वास्थ एजेंसी ने इंसानों को पक्षियों से दूरी बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं। अमेरिकी जियोलॉजिकल सर्वे के अधिकारियों का कहना है कि जहां कहीं भी ऐसी रहस्यमय तरह से पक्षियों की मौतें हो रही हैं, वहां पर लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन जरूर करना चाहिए। जब तक बीमारी का पता नहीं चलता है तब तक आम इंसानों को पक्षियों से दूरी बनाए रखने की सलाह दी गई है।