दुनिया को मिलेगा मलेरिया का पहला टीका, डब्ल्यूएचओ ने दी वैक्सीन को मंजूरी

वाशिंगटन, मध्य केसरी डेस्क। दुनिया में मलेरिया (Maleriya) के पहले टीके (Vaccine) को विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) (WHO) ने मंजूरी दे दी है। मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावी अफ्रीकी देशों (African Countries) से इसकी शुरुआत होगी। इसके बाद डब्ल्यूएचओ का फोकस दुनियाभर में मलेरिया वैक्सीन बनाने के लिए फंडिंग के इंतजामों पर होगा, ताकि यह टीका जरूरतमंद देशों तक पहुंच सके। इसके बाद संबंधित देशों की सरकार तय करेगी कि वह मलेरिया को कंट्रोल करने के उपयोग में वैक्सीन को शामिल करती है या नहीं।

1987 में बनाई थी वैक्सीन
डब्ल्यूएचओ ने कहा कि मलेरिया से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों के लिए यह वैक्सीन एक बड़ी उम्मीद लेकर आई है। मलेरिया की वैक्सीन का इस्तेमाल 2019 में घाना, केनिया और माला भी में पायलट प्रोग्राम के तौर पर शुरू किया किया गया था। इसके तहत 23 लाख बच्चों को वैक्सीन दी गई थी। इसके नतीजों के आधार पर ही डब्ल्यूएचओ ने अब वैक्सीन को मंजूरी दी है। उस वक्त इनको पहली बार 1987 में जीएसके कंपनी ने बनाया था।

नहीं है कोई नेगेटिव असर
पायलट प्रोजेक्ट के नतीजों के मुताबिक मलेरिया की वैक्सीन सुरक्षित है और इससे 30% मामले रोके जा सकते हैं। यह वैक्सीन जिन बच्चों को दी गई उनमें दो तिहाई ऐसे थे जिनके पास मच्छरदानी नहीं थी। यह भी सामने आया है कि मलेरिया की वैक्सीन से दूसरे टीकों या मलेरिया रोकने के दूसरे उपाय पर कोई नेगेटिव असर नहीं होता। डब्ल्यूएचओ ने उप-सहारा अफ्रीकी देशों के बच्चों को 2 साल की उम्र तक मलेरिया वैक्सीन के चार डोज देने की सिफारिश की है। यह वैक्सीन प्लाज्मोडियम पैलसिपेरम फैलाने वाले 5 पैरासाइट्स में से एक है और सबसे खतरनाक होता है।

10 में से 4 मामले रोके जा सकते है
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक वैक्सीन से मलेरिया के हर 10 में से चार मामले रोके जा सकते हैं और गंभीर मामलों में 10 में से 3 लोग बचाए जा सकते हैं। डब्ल्यूएचओ के मुताबिक मलेरिया की वजह से दुनिया भर में हर साल 4.09 लाख मौतें हो जाती हैं। इसमें ज्यादातर अफ्रीकी देशों के बच्चे होते हैं। दुनिया भर में मलेरिया से जितनी मौतें होती हैं उनमें से अधिक मौतें 6 उप-सहारा अफ्रीकी देशों में होती है। इसमें एक चौथाई मामले नाइजीरिया के होते हैं।

मलेरिया के लक्षण
ठंड लगना, तेज बुखार, सर दर्द, गले में खराश, पसीना आना, थकान, बेचैनी, उल्टी आना, एनीमिया, मांसपेशियों में दर्द और खूनी दस्त।